उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के जिला मलखान सिंह अस्पताल के अंदर मौजूद धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों ने अनोखी मिसाल पेश करते हुए लावारिस युवक का मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने अभिभावक बन फॉर्म भर कर हर्निया से ग्रसित गंभीर बीमारी का सफल ऑपरेशन करते हुए लावारिस युवक को नई जिंदगी दी
उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के बन्नादेवी क्षेत्र के रसलगंज इलाके में बने जिला मलखान सिंह अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने एक लावारिस मरीज का अभिभावक बनकर कर मानवता की अनोखी मिसाल पेश की है। जहां जिला अस्पताल में आंतों की समस्या से ग्रस्त कासगंज निवासी धर्मेंद्र का कोई अभिभावक न होने से ऑपरेशन नहीं हो पा रहा था। जिसकी वजह से डॉक्टरों के पास कारण था कि अस्पताल में भर्ती मरीज का ऑपरेशन से पहले अभिभावक को फॉर्म भरना होता है। जिसका ऑपरेशन करने से पहले ऑपरेशन होने के बाद तक अभिभावक का अस्पताल में मौजूद रहना होता है इसी वजह से जिला मलखान सिंह अस्पताल के डॉक्टर युवक के पेट का गंभीर बीमारी के चलते ऑपरेशन नहीं कर पा रहे थे
जहां आपरेशन न हो पाने से युवक धर्मेंद्र की जान को खतरा था। यह बात जब जिला मलखान सिंह अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रामकिशन को पता लगी तो उन्होंने जिला मलखान सिंह अस्पताल के फॉर्म के अंदर स्वयं को युवक धर्मेंद्र का अभिभावक घोषित किया, सीएमएस डॉक्टर रामकिशन द्वारा अभिभावक घोषित होने के बाद युवक धर्मेंद्र के डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन करने का रास्ता साफ हो गया। जिसके बाद युवक धर्मेंद्र का जिला मलखान सिंह अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा सफल ऑपरेशन किया गया ऑपरेशन होने के बाद युवक धर्मेंद्र अब पूरी तरह स्वस्थ है।
ऑपरेशन होने के बाद हर्निया की बीमारी से ग्रसित युवक धर्मेंद्र ने कहा पेट की आंतों पूरी तरह से ग्रसित हो चुकी थी जिसके बाद सिवा इस दुनिया में मेरे परिवार का कोई सदस्य जीवित नहीं है वही बीमार होने के बाद ननिहाल के लोगों से इलाज कराने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। जिसके बाद जिला मलखान सिंह अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने युवक धर्मेंद्र की मदद की। जिसके बाद सारे कागज उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने भर दिए इसके बाद युवक का ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के बाद युवक धर्मेंद्र ने कहा जिंदगी भर जिला मलखान सिंह अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का अहसानमंद रहूंगा।
वही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ रामकिशन ने कहा कि जिला मलखान सिंह जिला अस्पताल पर आने से पहले धर्मेंद्र का किसी प्राइवेट नर्सिंग होम में ऑपरेशन हुआ था, जो ऑपरेशन पूरी तरह से बिगड़ चुका था। प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन होने के बाद युवक धर्मेंद्र की आंत पेट से बाहर आ गई थी जिसके बाद विधायक और जिला अधिकारी द्वारा पत्र लिखा युवक धर्मेंद्र के ऑपरेशन की मांग की गई थी वही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि इससे पहले भी यह युवक अस्पताल के अंदर ऑपरेशन कराने के लिए आया था लेकिन उस दौरान भी युवक को समझाया गया कि अपने किसी परिवार के सदस्य को लेकर आओ उसके बाद ही तुम्हारा ऑपरेशन होगा जहां युवक ने धमकी देते हुए अस्पताल से भाग गया और सीएमएस से कहा था कि या तो मेरा ऑपरेशन करवाओ नहीं तो यही अस्पताल के अंदर सब कुछ कर दूंगा
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने जब मरीज से कहा गया कि ऑपरेशन करना है और किसी को अपने घर से बुला लो तो युवक ने बताया कि परिवार में कोई नहीं है। ननिहाल में कुछ रिश्तेदार थे, लेकिन उन्होंने भी यहां आने से मना कर दिया। इसके साथ युवक धर्मेंद्र नशे की भी लत का आदी था। जिसके बाद में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर रामकिशन और अस्पताल स्टाफ ने मिलकर जिम्मेदारी लेते हुए खून से लेकर ऑपरेशन होने तक लावारिस युवक धर्मेंद्र की पूरी जिम्मेदारी ली गई जिसके बाद अब युवक धर्मेंद्र के पेट का ऑपरेशन होने के बाद अब पूरी तरह स्वस्थ है।
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