अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के अवर अभियंता (जेई) और एडीए उपाध्यक्ष की गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर का घूसखोरी की रिश्वत लेते हुए डेढ़ लाख रुपये का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए एडीए उपाध्यक्ष ने टीम गठित कर जांच शुरू कर दी गई है।
अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के वीसी के चालक (ड्राइवर) और अवर अभियंता दूधनाथ वर्मा का डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए एडीए वीसी मनमोहन चौधरी ने चालक हाशिम व अवर अभियंता दूधनाथ वर्मा को तत्काल पद से रिलीव कर दिया है। और दोनों लोगों के खिलाफ विभागीय जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। वायरल वीडियो को लेकर अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के अंदर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है।
अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) में दो कर्मियों के बीच बड़े लेन-देन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें एक बड़े अफसर के चालक हाशिम की आवाज का व्यक्ति प्राधिकरण के ही अवर अभियंता दूधनाथ वर्मा के हाथों में 500-500 के नोटों की गड्डी थमाता दिख रहा है। 25 सेकंड के वीडियो में प्राधिकरण के दो कर्मी लेनदेन कर रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि एक अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मनमोहन चौधरी के चालक हाशिम की आवाज वाला व्यक्ति अवर अभियंता दूधनाथ वर्मा के कक्ष में अंदर आता है। जिसके बाद चालक हासिम अभियंता से कहीं जाने के बारे में पूछता है। अवर अभियंता दूधनाथ वर्मा की ओर से माल लाने के शब्द के बारे में पूछा जाता है। उसके बाद चालक तुरंत कुछ पैसे अभियंता के हाथ में दे देता है। अभियंता उन पैसों को मेज के नीचे रखकर बाहर चला जाता है।
सोशल मीडिया पर अलीगढ़ विकास प्राधिकरण का वायरल वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। वीडियो में किसी काम के एवज में पैसा लेना साफ नजर आ रहा है। अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के एक अवर अभियंता नोटों की गड्डियां लेते साफ दिखाई दे रहे हैं।
एडीए के उपाध्यक्ष का कहना है कि यह जेई और ड्राइवर के बीच का मामला है। पूरे मामले पर अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मनमोहन चौधरी ने एक जांच कमेटी गठित कर दी है जो एक हफ्ते में जांच रिपोर्ट सौंपेगी। साथ ही जो अवर अभियंता व ड्राइवर है उनसे सारे कार्य हटाते हुए उनको कार्यालय से अटैच कर दिया गया है।
- दरअसल वायरल वीडियो में अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के एक जेई दूध नाथ वर्मा दिखाई दे रहे हैं और कोई व्यक्ति जिसका चेहरा नजर नहीं आ रहा है उन्हें नोटों की गड्डियां दे रहा है। जिसे जेई दूधनाथ वर्मा ने अपने पास रख लिया है। वायरल वीडियो में एक जेई पैसे लेते हुए साफ दिख रहा है। लेकिन पर्दा डालने वाले अधिकारी का बयान सुनिए जो इसे उधार के पैसे के लेनदेन का मामला बता रहे हैं। लेकिन फिर भी उन्होंने मामले पर जांच कमेटी गठित कर दी है।
अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मनमोहन चौधरी ने बताया जो वीडियो वायरल हुआ है उस वीडियो में हमारे अवर अभियंता है और एक ड्राइवर है और ड्राइवर के द्वारा पैसा दिया गया है डेढ़ लाख रुपए। और उसमें जो प्रकरण है हमारे संज्ञान में रात में आया था। उसमें मैंने जो हमारे पीसीएस अधिकारी हैं उनको जांच अधिकारी बना दिया है और एक सप्ताह में उससे रिपोर्ट मांगी है और जो संबंधित अवर अभियंता है उनसे संपूर्ण काम हटा दिया गया है और कार्यालय से अटैच कर दिया है। और ड्राइवर को भी हटा करके कार्यालय अटैच कर दिया गया है। पैसा किस चीज के लिए जा रहा था उसके बारे में हम कुछ नहीं कह सकते। लेकिन ड्राइवर और अवर अभियंता के बीच लेनदेन का प्रकरण है। ये अवर अभियंता दूधनाथ है। पूरे प्रकरण की जांच कर रहे हैं कि ड्राइवर के पास पैसा कहां से आया। हम जांच करा कर जो रिपोर्ट आएगी तभी बता पाएंगे।
लेकिन हैरानी की बात देखिए कि अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मनमोहन चौधरी मामले को उधारी के पैसे का लेनदेन बता रहे हैं लेकिन जांच की भी बात कह रहे है। यानी कि साफ दिख रहा है कि किस तरह अलीगढ़ विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार का बोलबाला है जिस पर पर्दा डालने से विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी बाज नहीं आ रहे हैं।
- हमने पैसे लेने वाले अवर अभियंता दूधनाथ वर्मा से बात की तो वह अपने कमरे में लाइट बंद कर के बैठे हुए थे और उन्होंने किसी भी तरह के पैसे लेने से इनकार किया।
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